Sunday 18 January, 2009

माघ पूर्णिमा

अभी परम्पराओं और मान्यताओं के संकलन प्रक्रिया में हूँ. कोशिश रहेगी कि ९ फ़रवरी तक कुछ लिख सकूँ.

1 comment:

  1. सबसे पहले तो हिंदी में ब्लॉग की शुरुआत करने के लिए बधाई. दूसरी बधाई मान्यताओं की खोज बीन करने के लिए. मान्यताएं देश, काल और समाज की आवश्यकताओ के अनुसार तैयार होती है. जिन मान्यताओ का आप जिक्र कर रहे हैं उनके बारे में ये भी बताइए कि आज की समाज व्यवस्था में उनकी क्या उपयोगिता है. ईश्वर करे कि आपके द्वारा शुरू किया गया ये ब्लॉग कुछ दिनों में मान्यताओ के Encyclopaedia के रूप में हमारे सामने हो.

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